रायपुर। नवरात्र को कुछ ही दिन बचे हैं। आते ही घरों में, पंडालों में, दुकानों में ये भजन बजता सुनाई देगा। पंखिड़ा तू उड़के जाना पावागढ़ रे, महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे...। इस गीत के गायक बुधवार दोपहर रायपुर पहुंचें। मध्यप्रदेश के भजन सम्राट के नाम से मशहूर राजेश मिश्रा ने नईदुनिया से बातचीत की। कहा- मुझे सुरों का ज्ञान नहीं था। पिता सरकारी पद पर होते हुए भी मुझे संगीत के विशारद बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मैंने अपने जीवन में कई गाने गाए, लेकिन प्रसिद्ध केलव पंखिड़ा से मिली। इसकी वजह थी मेरे गुरु, जिन्होंने मेरा साथ इंदौर से लेकर मुंबई तक नहीं छोड़ा। इसी बीच मेरी मुलाकात गुलशन कुमार से हुई। इसके बाद मेरे कॅरियर में कई ऊंचाइयां मिलीं। अनुराधा पोडवाल और अन्य गायकों के साथ काम करने का मौका मिला।
गुलशन कुमार की गोली चलने के बाद पहुंचा था
संगीत की दुनिया का काला दिन। गुलशन कुमार की गोली मार हत्या के समय मैं कुछ ही समय पहले उनसे मिला था और कुछ ही देर मैं उन्हें गोली लग गई। उस वाक्यिा के बाद मैं एक साल तक कुछ काम नहीं किया। उसके बाद से मैनें तय किया जगराता और भजन गीतों का निचली बस्तियों के आयोजन में पैसे नहीं लूंगा।
सुंदरकांड से शुद्ध हुए मेरे शब्द उच्चारण
किसी भी गायक को अपने शब्द उच्चारण को शुद्ध करना है तो उसे सुंदरकांड जरूर पढ़ना चाहिए। यदि वह उसे पूरा याद कर लेता है तो उसे हिंदी के किसी भी शब्द के उच्चारण में दिक्कत नहीं होगी।